शिव -पार्वती
दोहे
शिव-पार्वती
लाल चुनर में पार्वती, भस्म रमे शिव नाथ।
वरमाला ले आरही, ले सखियों को साथ।।
शिवजी ले कर आ गए, भूतों की बारात।
घोर नाद से गा रहे,नाचे सारी रात।।
तप से मनाया शिव को, बड़ी विकट थी राह।
नैना प्यासे दरस के, प्रेम मिलन की चाह।।
सज- धज आई पार्वती, ले वरमाला हाथ।
शरमा रही मंडप में, शिव का पाने साथ।।
पार्वती मधुर सुगंध है, शिवजी सुंदर रूप।
मुखड़े खिलते पुष्प है, ज्यूं निखरे है धूप।।
रूठ गई जब पार्वती, बोले शिवजी नाथ।
आओ रगड़े भांग री, दे दो मेरा साथ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश