#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
नहीं बदनाम कल हाला न ही ये मय- कशी होती,
जो’ तुम्हारी नशीली आँख से कल रात पी होती,
तड़पता रोज मेरा दिल है तुम्हारी याद में अक्सर,
भला होता कि’ मुझसे आज तक तुम अजनबी होती।
-©अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”