Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2020 · 1 min read

शिवरात्रि (महिया)

शिवरात्रि मनाएंगे
पार्वती संग शिव
जब ब्याह रचाएंगे

कांवर जब लाएंगे
गंगा जल लेने
हम काशी जाएंगे

भोले शिव भंडारी
खुश होते पल में
महिमा इनकी न्यारी

शिव रूप निराला है
नील कंठ सजती
सर्पों की माला है

डम डम डमरू बोले
पल में खुश होते
शिव जी तो हैं भोले

शिव रात्रि मनाएंगे
अभिषेक करें शिव का
शिव खुश हो जाएंगे

13-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
2 Likes · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं
मेरी ख़ूबी बस इत्ती सी है कि मैं "ड्रिंकर" न होते हुए भी "थिं
*प्रणय*
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
लक्ष्मी सिंह
सतगुरु सत्संग
सतगुरु सत्संग
Dr. P.C. Bisen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*आत्मबल  ही सत्य पीठ है*
*आत्मबल ही सत्य पीठ है*
Rambali Mishra
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
नूतन बर्ष
नूतन बर्ष
कार्तिक नितिन शर्मा
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
surenderpal vaidya
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
" सफल होने के लिए "
Dr. Kishan tandon kranti
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
वो सौदा भी होगा इक रोज़,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
तर्कश से बिना तीर निकाले ही मार दूं
Manoj Mahato
माया
माया
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कोई तंकीद
कोई तंकीद
Dr fauzia Naseem shad
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
3529.🌷 *पूर्णिका*🌷
3529.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
जाने हो कब मयस्सर
जाने हो कब मयस्सर
Manoj Shrivastava
हमसफर की आहट
हमसफर की आहट
Shutisha Rajput
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
Ajit Kumar "Karn"
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्रभु हैं खेवैया
प्रभु हैं खेवैया
Dr. Upasana Pandey
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम"
Satish Srijan
जब तुम खामोश रहती हो....
जब तुम खामोश रहती हो....
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
*जनवरी में साल आया है (मुक्तक)*
*जनवरी में साल आया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...