शिवराज
नमो नमो की दौड़ में भूले सब चौहान ।
मामा बनकर दिया सहारा किया गरीब का मान ।
म. प्र. की सत्ता में जब आऐ श्री चौहान ।
विश्व पटल पर बड़ गई तबसे म. प्र. की शान ।
११ वर्षों में इन्होंने देखो बना दिया इतिहास ।
गरीबी और अशिक्षा का कर दिया पूर्णतः नाश ।
सूखा हो या कोई आपदा थामा किसान का हाथ ।
लाभ बराबर दिया मुआवजा हर कोई बोले एकसाथ ।
कहा उन्होंने कुआं खेत में और तालाब हर गांव बने ।
तबसे देखो घर किसान के और देखो जँगल घने ।
किसान कर्मठ जीतकर सौंप दिया उसे किसान को ।
सारी दुनिया ने तब जाना म. प्र. की शान को ।
जब बारी आई थी करने की सिंहस्थ का आयोजन ।
शांति पूर्ण सम्पूर्ण व्यवस्था किया सभी का अभिनंदन ।
जब एमपी पर कलंक भ्रूणहत्या का हल था खोजना ।
मामा बनकर लाऐ साथ वो लाडली लक्ष्मी योजना ।
कई घटनाऐं और दुर्घटनाऐं होने से अब तो टली ।
जबसे सौ और १०८ की गाड़ी मिनटों में चली ।
पहली बार युवा प्रतिभा को था किसीने आजमाया ।
लौन दिलाकर प्रतिभाओं शान से जीना सिखलाया ।
शिक्षा खेल विज्ञान में नहीं किसीसे पीछे हम ।
आई आई टी इंजीनियरिंग ने एमपी में फैलाऐ कदम ।
मोदी जी ने लाल किले से स्वच्छता की हुंकार भरी ।
म. प्र. ने सबसे ज्यादा शौचालय निर्माण करी ।
वाजपेयी और मोदी जी के सपनों को दिया नया आकार ।
स्वर्णिम म. प्र. बना कर दिया सपना साकार ।
हर गरीब का हो अवास १ रुपये में दिया अनाज ।
हर गरीब बोले सुनलो दुनियावालो आज ।
यही तो है हमारा स्वाराज!
यही तो है हमारा शिवराज!
१प्रश्न औचित्य बना अब तक मेरे मन में यार!
क्या खत्म हो चुका यहाँ से रोग ये भ्रष्टाचार ।
मेरी यह बेतुकी कविता गर पहुंचेगी उनके द्वार ।
तभी मैं मानूँ इस शिवयुग से खत्म हो चुका भ्रष्टाचार ।