“शिलालेख “
“शिलालेख ”
इतना दानी नहीं समय जो
हर गमले में फूल खिला दे,
इतनी भावुक नहीं जिंदगी
हर खत का उत्तर भिजवा दें,
मिलना अपना सरल नहीं है
फिर भी यह सोचा करता हूं।
जब ना आदमी प्यार करेगा,
जाने भुवन कहां पर होगा।
✍️श्लोक “उमंग”✍️
“शिलालेख ”
इतना दानी नहीं समय जो
हर गमले में फूल खिला दे,
इतनी भावुक नहीं जिंदगी
हर खत का उत्तर भिजवा दें,
मिलना अपना सरल नहीं है
फिर भी यह सोचा करता हूं।
जब ना आदमी प्यार करेगा,
जाने भुवन कहां पर होगा।
✍️श्लोक “उमंग”✍️