शिद्दत से एक बार
खुदको तराश तू जरा,शिद्दत से एक बार।
दिखा दे इस जहान को,तेरे रूप हज़ार।।
खुद में तराश इस क़दर, शिद्दत से एक बार।
खुद में ख़ुदा मिलेगा,मत ढूंढ़ द्वार द्वार।।
श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
खुदको तराश तू जरा,शिद्दत से एक बार।
दिखा दे इस जहान को,तेरे रूप हज़ार।।
खुद में तराश इस क़दर, शिद्दत से एक बार।
खुद में ख़ुदा मिलेगा,मत ढूंढ़ द्वार द्वार।।
श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव