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10 Aug 2020 · 1 min read

शिखर पर्वत हो तुम

शिखर पर्वत हो तुम
*****************

मेरी दौलत हो तुम
मेरी शोहरत हो तुम

संग संग चलते रहते
मेरी सोहबत हो तुम

खोये खोये रहते हम
मेरी मोहब्बत हो तुम

तुमने कहा ,मैंने सुना
सुंदर कहावत हो तुम

यह कैसा जादू किया
मीठी शरबत हो तुम

तेरे बिना वजूद नहीं
मेरी जरूरत हो तुम

देखा तुझे,घायल हुए
तीर ए तरकश हो तुम

रंज में जैसे रोता रहे
कैसी नफरत हो तुम

असंभव सा लक्ष्य हो
शिखर पर्वत हो तुम

सुखविंद्र मैं भूलूँ कैसे
घड़ी फुरसत हो तुम
****************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 212 Views
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