शिखरिनी ( हाइकू):: जितेंद्रकमलआनंद: जग असार( पो ७७)
शिखरिनी छंद
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जग असार
किंतु परम ब्रह्म ।
हैं सारात्सार ।।४!!
सर्व विज्ञाता
परमब्रह्म ही हैं —
सर्वान्तरात्मा ।।५!!
मानव धर्म
नैतिकता पूर्ण है —
करना कर्म ।।६ ।।
——- जितेंद्र कमल आनंद