शिखरनी छंद
कभी आओ मेरे घर पर बहाना कुछ बना |
तभी जानो मेरे सुख दुःख रहूँ क्यों अनमना |
सभी बातों का सार मधु तुमको शायद मिले|
बिना तेरे ये जीवन बस लगे साँस निकले|
कभी आओ मेरे घर पर बहाना कुछ बना |
तभी जानो मेरे सुख दुःख रहूँ क्यों अनमना |
सभी बातों का सार मधु तुमको शायद मिले|
बिना तेरे ये जीवन बस लगे साँस निकले|