शिक्षा व विद्या
शिक्षा जिसका अर्थ है सीखने व सीखाने की प्रक्रिया जो जीवनपर्यंत हमारे साथ चलती रहती है ।लेकिन अगर हम सीख रहे हैं ,तो हमारे अंदर इसका कुछ सकारात्मक बदलाव भी दिखाई देना चाहिए ।आज जो हम औपचारिक शिक्षा ले रहे हैं इसका कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है हम डिग्रीयां ले लेते हैं ,पढे-लिखे शिक्षित हो गये लेकिन शिक्षा का जो उद्देश्य है, वो पूरा नहीं हो रहा है ।जो शिक्षा हमारे आत्मबल को न बढ़ाए,शेर जैसा साहस विकसित न कर सके , हमें जीवन जीने की कला न सीखाए , हमारे सद्गुणों का विकास न कर सके ऐसी शिक्षा से क्या लाभ ? शायद यह काम विद्या कर सकती है इसलिए जरूरत है शिक्षा में विद्या का समावेश हो। कहा गया है कि “सा विद्या या विमुक्तये”अर्थात विद्या वह है जो हमें मुक्ति प्रदान करे अतः जब शिक्षा के साथ विद्या का ज्ञान कराया जाएगा तब उत्तम राष्ट्र का निर्माण हो सकता है ।
।।रूचि दूबे।।