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30 Mar 2021 · 1 min read

शिक्षा में नकल का प्रकोप।

आज हर विद्यार्थी पर नकल का भूत सवार रहता है।वह किताबों का सही तरीके से अध्ययन नही करता है।यह प्रव्रति उसे प्रायमरी
कक्षाओं से ही हावी हो जाती है।उसका कारण ? प्रायमरी कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों की भूमिका कितनी अहम है।
वह शिक्षक सही तरीके से बच्चों को पढ़ा रहा था या नही।
वह एक औपचारिक तौर से बच्चों को पढ़ा रहा होता है।नकल की
प्रवृत्ति का जन्म कैसे हुआ? आज का शिक्षक नकल को बढ़ावा दे रहा है।उसकी क्या मजबूरी है? कि बच्चों से नकल करवाता है।यह दशा ज्यादातर ग्रामीण स्कूलों में देखने को मिलती हैं।
लेकिन बच्चे आगे की पढ़ाई में कोई तरक्की नही कर पाते हैं।
वह नकल के सहारे केवल हायर सेकंडरी तक की ही पढ़ाई ही कर पाते हैं। छात्रों को हमेशा उनका शिक्षक ही अंधकार में धकेलता है।वह उनकी उन्नति में बाधक बन जाता है ,जो भी सरकार कानून बनाती है उसे वह सही तरीके से पालन नही करता है।उसको केवल अपनी ही तरक्की नजर आती है।वह बच्चों की तरक्की से कोई मतलब नहीं रखता है।यह प्रवृत्ति उस शिक्षक की
होती है। क्योंकि आज का शिक्षक शिक्षा के महत्व को खुद ही नही जानता है।तब वह बच्चों को नकल करवायेगा ही! निरन्तर आगे।।।।

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Comments · 383 Views
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