शिक्षक
प्रिय पाठकगण!
आज की मेरी यह एक छोटी सी कविता सभी आदरणीय शिक्षकों को समर्पित है।
हर देश की शान हैं शिक्षक
हर बच्चे को योग्य बनाते ,
दिल बच्चो का कोरा कागज
उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते।
संघर्ष ही है अपना काम
ये सबको वही समझाते ,
खुद वही रह जाते हैं पर
सबको अपनी मंजिल दिलाते।
जाति धर्म पर लड़े न कोई
करना सबको प्रेम सिखाते ,
रहते मिल जुलकर सबसे
ये न कभी भेद दिखाते ।
हमें सफलता कैसे पानी
कैसे चढ़ना शिखर समझाते,
देकर कीमती ज्ञान अपना
परिचय दुनिया से करवाते ।
है स्थान माँ बाप के बाद इनका
ये उन्ही का फर्ज निभाते,
हैं शत शत नमन इनको
ये देश को महान बनाते।
यह कविता पूर्णतः स्वरचित एवं मौलिक हैं। आप सभी प्रिय पाठकगण से अनुरोध है कि वे सभी इस प्यारी सी कविता पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।सुक्रिया ।