Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2018 · 1 min read

शिक्षक

भटकना जिनकी आदत है कभी गुरुवर नही पाते ,
कि बहरे गीत को जिस तरह कभी सुन नही पाते ।
लिखा भगवान ने स्थान गुरुवर का बड़ा सबसे ,
बिना गुरुदेव भक्ति के कभी वो मंजिल नही पाते ।।

Language: Hindi
1 Like · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहावली
दोहावली
Prakash Chandra
2436.पूर्णिका
2436.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
फितरत,,,
फितरत,,,
Bindravn rai Saral
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
The story of the two boy
The story of the two boy
DARK EVIL
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
ख़त्म हुआ जो
ख़त्म हुआ जो
Dr fauzia Naseem shad
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
surenderpal vaidya
धुवाँ (SMOKE)
धुवाँ (SMOKE)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】*
*वहीं पर स्वर्ग है समझो, जहाँ सम्मान नारी का 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या कहती है तस्वीर
क्या कहती है तस्वीर
Surinder blackpen
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
Dr MusafiR BaithA
शोख- चंचल-सी हवा
शोख- चंचल-सी हवा
लक्ष्मी सिंह
■एक टिकट : सौ निकट■
■एक टिकट : सौ निकट■
*Author प्रणय प्रभात*
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
सुप्रभात
सुप्रभात
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Rashmi Sanjay
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
संतोष बरमैया जय
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
Loading...