शिक्षक देश के निर्माता
कहते हैं,जो राष्ट्र अपने देश के शिक्षकों का सम्मान करता है|
उसका भविष्य सदैव उज्ज्वल रहता है|
ज्ञान हमें शक्ति देता है|
प्रेम हमें परिपूर्णता देता है|
पुस्तके वह साधन है,
जिसके माध्यम से हम,
विभिन्न संस्कृतियों के बीच,
पुल का निर्माण कर सकते हैं|
एक शिक्षक के लिए सफलता का सबसे बड़ा संकेत…. यह कह पाना है कि “बच्चे अब ऐसे काम कर रहे हैं जैसे कि मेरा कोई अस्तित्व ही न रहा हो|”
हे शिक्षक तुम्हें नमन!
महान हो तुम,गुणवान हो तुम|
ज्ञान की सदा से खान हो तुम|
जल से निर्मल,पुष्प से कोमल|
शिष्यों के भाग्य विधाता हो तुम| नदियों से पावन, पर्वत से ऊंचे|
सूरज जैसे तेजवान हो तुम|
सागर से गंभीर,हृदय से कोमल|
ज्ञान की गंगा का सागर हो तुम|
इस जग में तुम सा कोई नहीं,
संपूर्णता का वरदान हो तुम|
हे शिक्षक! तुम्हें नमन
महान हो तुम,गुणवान हो तुम|