शिक्षक दिवस
शिक्षक है मूरत ईश्वर की,
शिक्षक से मर्यादा है।
शिक्षक वह ड्यूटी है जिसमें,
मेहनत सबसे ज्यादा है ॥1॥
शिक्षक है बच्चों के पालक,
शिक्षक पिता और भ्राता है।
सबकुछ पास में है शिक्षक के,
पर जीवन उनका सादा है ॥2॥
खुद को पीछे कर उसने,
तुमको ही आगे साधा है ।
मान भी जाओ तुम शिक्षक,
बच्चों का भाग्य विधाता है ॥3॥
है मुझे गर्व मेरे शिक्षक पर,
जो मेरे पिता और माता है।
जीवन के मूल्यों का अंकन,
करना भी उनको आता है ॥4॥
सब शिष्यों के खातिर मेरे,
मन में एक अभिलाषा है ।
खूब पढ़ो और खूब बढ़ो तुम,
यह जीवन की सच्ची भाषा है ॥5॥
स्वरचित काव्य
तरुण सिंह पवार