गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
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गुरु ज्ञान के भंडार हैं,सबको देते है ज्ञान।
मात पिता जैसा करो,उनका भी सम्मान।।
गुरु ज्ञान की ज्योति जलाए,जीवन में करे प्रकाश।
अज्ञानता को दूर भगाए,जैसे सूरज करे प्रकाश।।
गोविंद से है गुरु बड़े,इनके लागो सदा पांय।
गुरु ही बताते है,गोविंद तक जाने के उपाय।।
गुरु ही ब्रह्मा है,गुरु ही विष्णु है गुरु ही है महेश।
गुरु से बड़ा कोई नही,कहते है ये अवध नरेश।।
माता पहली गुरु है,जो तुम्हे बोलना सिखाए।
बोलना जब सीख जात है,गुरु की शरण में जाय।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम