शिक्षक दिवस
आज है हम एकत्र, कुछ कहने सुनने के लिए।
हम कर रहें हैं मनन, कोई राह चुनने के लिए।।
ज्ञान की धारा बहाने वाले, शिक्षको का दिवस।
जिसने जीवन खपाया, हमको बुनने के लिए।।
डॉ० सर्वपल्ली जी का है, जन्मदिवस आज तो।
याद में राधाकृष्णन जी के, सज गये हैं साज तो।।
आपसे ही सीख ले कर, बढ़ते रहें अपने कदम।
कोरे कागज पर लिखे थे, ये आपने आगाज़ तो।।
पीठ पर वो भारी बस्ते, वो जिल्दिया किताबों में।
कुछ छूटा तो कुछ जुड़ा, बेपंख उड़ना ख्वाबो में।।
जानता सर आशिष मेरे, है तुम्हारा हरपल गुरुवर।
जो चाँद छूने की कल्पना, साकार करे खिताबों में।।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०४/०९/२०२३)