शिक्षक दिवस
***** शिक्षक-दिवस *****
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शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
शिक्षा-शिक्षण के गीत गाता।
भरता है गागर में सागर,
ज्ञान बांटता जान लगा कर,
शुभचिंतक भविष्य निर्माता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य निर्माता।
अध्यापक रिश्वतखोर नहीं,
नेता – अभिनेता चोर नहीं,
सच हक की कमाई खाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
मन अंदर कोई मैल नहीं,
उन जैसा जग में और नहीं,
भाईचारे का पाठ पढ़ाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
धर्म-जाति जहर शोर नहीं,
उन जैसी कोई गौर नहीं,
मानवता का धर्म अपनाता,
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
चाहे कैसा भी हो मौसम,
ज्ञानप्रकाश से करे रोशन,
अंधेरा कोसों दूर भगाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
मेडल का कोई शौक नहीं,
सहता किसी की रोक नहीं,
सारथी बन है राह दिखाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
आज स्थिति बड़ी खराब है,
राजनीति की ये शिकार हैं,
पर पल भर नहीं है घबराता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
शिक्षक दिवस उपहार यही,
शिक्षा का हो विकास यहीं,
करबद्ध अर्जी यही लगाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
मनसीरत की तो मांग यही,
सरकारें हों सदा साथ खड़ी,
मंद मंद मधुर है मुस्कराता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता।
शिक्षा-शिक्षण के गीत गाता।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)