शिक्षक चौपाई
जिन्ह के रही भावना जैसी , इही नौकरी देखि तिन्ह तैसी।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
धन्य भाग हैं अति बड भागी, हमहिं मिलहिं जो तुम्हरी कापी जांची।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
हर शिक्षक तुम्हरो जस गावे जासु कृपा यह नौकरी पावे।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
बाल मनोहर छवि नित पावे, समय रहत मिड डे मील खावे।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
मैल भरा तन वेष फकीरा, बनने चला यह हमसे हीरा।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
भांति- भांति बहु विधि गुर पाए,कौन विधि हम तुमहिं पढ़ाए।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
मना किए सारे अधिकारी, सकल ताड़ना बन्द करा दी।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
रामराज है सब हैं राजी,आप मुरादी आप फिरादी ।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
देख रहा शिक्षक दृग फारी, शिक्षा की ऐसी लाचारी। राम सिया राम सिया राम जय जय राम सिया राम जय जय राम।
कौन सो काज कठिन जग माही,जो नहीं होत तात तुम पाहिं।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
नौकरी संग में भवन बनावे,पोलियो, चुनाव औ र वोट बनावे।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
अंत काल जब दफ़्तर जाहि। अधिकारी संग प्रीत निभाई।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
प्रीत न कर जो करिहैं लराई। सर्विस रेखा जहहिं छुराई।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
संकट कटें मिटें सब पीरा, जो सुमिरै अफसर कर धीरा।
राम सिया राम सिया राम जय जय राम।
“शिक्षक चौपाई जो गुरु गावे,सब सुख भोग परम पद पावे।
अधिकारी की सरन में जानी, करहु कृपा अविवेकी मोही जानी। “