शिकारी आएगा, दाना डालेगा
एक बुजुर्ग तोता ने जंगल के सभी तोते को बुला कर समझदारी की बात समझनी चाही। उसने चार महत्वपूर्ण बातें सभी को सीखा दी।
शिकारी आएगा, दाना डालेगा, जाल बिछाएगा, ले जाएगा।
सभी तोते ने समझदारी की हामी भरते हुए, यही रट्टा मारने लगे।खाते, पीते, उड़ते, बैठते यही चर्चा होती। शिकारी आएगा, दाना डालेगा, जाल बिछाएगा, ले जाएगा।
एक दिन सचमुच में शिकारी आया। सभी तोते वही मंत्र दोहरा रहे थे। उसने दाना डाला, फिर भी वही सब बोल रहे थे। उसने जाल डाला फिर भी वही बाते दोहराई जा रही थी।
“शिकारी आएगा, दाना डालेगा, जाल बिछाएगा, ले जाएगा।”
सभी तोते, दाना देख कर टूट पड़े। वे एक तरफ दोहरा रहे थे कि शिकारी ले जाएगा। और सच मे सभी के सभी तोते दाने की लालच में जाले में फँस गए। शिकारी सभी को पकड़ कर ले गया।
क्या हम भी तोते की तरह जिंदगी तो नही जी रहे है न?