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19 Oct 2024 · 1 min read

शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।

शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।
हो हालात कैसे, तुम सदा मुस्कुराना ।।

मिट्टी की खुशबू भी दिल जीत लेगी ।
कभी बारिशों में, तुम भीग जाना ।।

सर्द होने लगे दिल -ए- एहसास सारे ।
रिश्तों की गर्माहट को, तुम आज़माना ।।

कभी रूठ कर मुझसे न तुम दूर जाना ।
मनाऊं जो मैं तुमको, तुम मान जाना ।।

शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।
हो हालात कैसे, तुम सदा मुस्कुराना ।।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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