शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।
शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।
हो हालात कैसे, तुम सदा मुस्कुराना ।।
मिट्टी की खुशबू भी दिल जीत लेगी ।
कभी बारिशों में, तुम भीग जाना ।।
सर्द होने लगे दिल -ए- एहसास सारे ।
रिश्तों की गर्माहट को, तुम आज़माना ।।
कभी रूठ कर मुझसे न तुम दूर जाना ।
मनाऊं जो मैं तुमको, तुम मान जाना ।।
शिकायत लबों पर कभी तुम न लाना ।
हो हालात कैसे, तुम सदा मुस्कुराना ।।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद