शिकायत नही तू शुक्रिया कर
वैसे तो मुस्कुराने की वजह बहुत थी ,
मगर हम शिकायतों पर अड़े रहे।
खुद में कमियां बहुत थी
मगर हम दूसरों की ढूंढते रह गए।
एक उंगली अगर दूसरो की ओर
करो तो चारो उंगलियां हमे चिढ़ाती है,
औरो में तू क्या ढूंढता,
खुद में झांक ले यही तेरी समझदारी है।
गोते मार ले तू सागर में मोती तेरे कदमों पर होंगे।
उड़ ले तू आसमां में सितारे तेरे आगोश में होंगे।
कौन पोंछता है आंसू रोने वाले के,
हमेश तू मुस्कुराते चल।
जिंदगी का सूरज तो डूब जायेगा,
किसने देखा है कल।
शिकायत नही तू शुक्रिया कर
जिंदगी आसान हो जाएगी।
कांटो में तू गुलाब ढूंढ ले,
जीवन में खुशबू फैल जाएगी।