!! शिकायत, आप आये क्यूं नहीं ? !!
मैने हवन पर बुलाया था, आप आये नहीं
मैने कथा रखी थी, आप आये ही नहीं
मेरे यहाँ आज सगाई थी, आप आये ही नहीं,
बेटे के मुंडन करवाए थे, आप क्यूं नहीं आये !!
किसी ने मीटिंग रखी थी, प्रोडक्ट्स दिखाने को
किसी ने मेरे घर पर आना था, कुछ समझाने को
इधर बीवी ने कहा , आज इतवार है चलो बाजार
बहुत दिन से बच रहे हो, कुछ खर्च भी करो चल के बाजार !!
न जाने कितने कितने काम हैं सब के पास
वक्त तो वही है, पर काम हैं हजार
बुरा न माना करो दोस्तों , कभी ऐसे जब होता है
हर इंसान कहीं न कहीं मजबूर होता है !!
अच्छा तो लगता है, सब से मिलना मिलाना
कहीं आना और कभी कभी किसी के यहाँ जाना
घड़ी की सुइयां कर देती हैं पुकार बार बार
अब बताओ, कैसे कोई समझाए
हर इंसान के स्वच्छ मन को समझाना है बेकार !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ