@शिकवे मिटाते है@
शिकवे मिटाते है
चलो आज कुछ खाव को हकीकत बनाते है,,
अपने हाथों से ही नये कुछ घरौंदे बनाते है,,
बहुत सह लिया जिलालत को जिंदगी में,,
अब कुछ इज्जत के पल बिताते हैं,,
नब्ज कोई टटोले इससे पहले की,,
खुद ही अपने सब हालत बताते है,,
मुशाफिर हम भी तुम भी राह के,,
चलो एक दूजे का साथ निभाते है,,
क्या जीना दूरियों को सहकर जीवन,,
अब तो विनी शिकवे मिटा गले लगाते ह,,
विनीता मांडले 【विनी】