Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2022 · 1 min read

शिकवा

शिकवा नहीं कि तुम मुझे छोड़ के चले गऐ
गम तो ये कि तुम इतना जल्दी चले गए
जिन्दगी भर के लिए साथ चाहिए था और
तुम बगैर तुम्हारे जीने को कह कर चले गऐ

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
धर्म और सिध्दांत
धर्म और सिध्दांत
Santosh Shrivastava
2550.पूर्णिका
2550.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
अपनी इच्छाओं में उलझा हुआ मनुष्य ही गरीब होता है, गरीब धोखा
Sanjay ' शून्य'
प्यार मेरा बना सितारा है --
प्यार मेरा बना सितारा है --
Seema Garg
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
Paras Nath Jha
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
ये कमाल हिन्दोस्ताँ का है
ये कमाल हिन्दोस्ताँ का है
अरशद रसूल बदायूंनी
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
Ranjeet kumar patre
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹
साहित्य गौरव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
Shivkumar Bilagrami
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
नेमत, इबादत, मोहब्बत बेशुमार दे चुके हैं
नेमत, इबादत, मोहब्बत बेशुमार दे चुके हैं
हरवंश हृदय
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
अपने ख्वाबों से जो जंग हुई
VINOD CHAUHAN
प्राचीन दोस्त- निंब
प्राचीन दोस्त- निंब
दिनेश एल० "जैहिंद"
आज और कल
आज और कल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
फितरत
फितरत
Mukesh Kumar Sonkar
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...