शिकवा शिकायत नही
** शिकवा शिकायत नहीं **
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कोई शिकवा शिकायत नहीं,
कोई भी की बगावत नहीं।
नजरों से दूर रहते सदा,
मुख पर आई हिमाक़त नहीं।
खोये – खोये दिखे वो कहीं,
जारी फ़तवा हिदायत नहीं।
मौके मिलते रहे पल पहर,
दिल ने की कुछ शरारत नहीं।
छुआ ना संगमरमर बदन,
देखी उन सी शराफत नहीं।
मनसीरत देखता गाँव शहर,
उन जैसी तो लियाक़त नही।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)