शासन व्यवस्था।
आज के समय के नेता
और उनका शासन व्यवस्था
क्या ये शासन प्रणाली है
क्यों युवाओं की छीन ली जवानी है
कैसे कर लेते हो ये सब
क्यों भर लेते हो जेब अब
अब किसी से डरते नहीं
जनता को समझते नहीं
वोट चाहिए स्पॉट चाहिए
क्यों वादे पूरे करते नहीं ।
चुनाव के समय में सब अपने होते हैं
उनके हर सपने अपने होते हैं
गद्दी मिलते ही , कैसे कर लेते हो
उनकी उम्मीदों को कैसे धर लेते हो ।
सपने को दिखाते हो और तोड़ देते हो
जो देखता है सपने देश की सेवा का उमर भर
उस सपने को तुम चार साल करते हो
जो देश के लिए जान की बाजी लगाए
उसे तुम अग्निवीर कहते हो।
जवानों की उमर भड़ती जा रही हैं
साथ में किसान भी सड़को पर उतार दिए
सरकार चलाने वालो शासन के चक्र में
तुमने कितनो के घर उजाड़ दिए।
शासन का दौर है, आज है कल नही
ये तुम्हें बनाने वाले है, कोई और नहीं
कल फिर पांच साल हो जाएंगे
तुन्हें फिर से आना पड़ेगा
हर हिंदुस्तानी के दिल में
एक सपना सजना पड़ेगा।
हर एक हिंदुस्तानी मनाना पड़ेगा
लेकिन आज का युवा जाग उठा है
जनता का शासन है, ये जान चुका है
हर नेता शासन खातिर बिका है
आज का युवा जान चुका है।
आज से एक प्रण लो
खुद की महनत पर विस्वास करो
तुम ही खुदा,तुम हो भगवान
तुम न किसी की सरण लो
बस यही कहना है,
महनत करो और आगे बढ़ो।
लेखक सोनित प्रजापति ।