शायर हुआ हूं मैं
दुनिया की बनाई बेंडियों में
आज भी जकड़ा हुआ हूं मैं ।
सबकी गलतियां छुपाते हुए
हमेशा से पकड़ा गया हूं मैं ।।
अपने खास के सितम से
हमेशा घायल हुआ हूं मैं ।
दुनिया की बातें सुन कर ही
आज शायर हुआ हूं मैं ।।
कुछ नया करने की आग
अब अपने मन में जगाना है।
सोई हुई तकदीर को फिर से जगाना है
कुछ नया करके हमेशा आगे जाना है ।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि