Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Sonu sugandh
24 Followers
Follow
Report this post
10 Jan 2019 · 1 min read
शायरी
आँखें आज भी कुछ यूहँ नम हो जाती हे
जब सामने वो आ जाती है।
सोनु सुगंध ०४/०१/२०१९
Language:
Hindi
Tag:
ग़ज़ल/गीतिका
Like
Share
1 Like
· 453 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Sonu sugandh
View all
अल्फाजों की सुगंध बाय सोनु सुगंध
Sonu Sugandh
You may also like:
"" *माँ के चरणों में स्वर्ग* ""
सुनीलानंद महंत
रुकती है जब कलम मेरी
Ajit Kumar "Karn"
19. कहानी
Rajeev Dutta
कलाकार
Shashi Mahajan
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ
Pratibha Pandey
सफलता
Vandna Thakur
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
काश, मैं मोबाइल होता
अरशद रसूल बदायूंनी
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
गुज़र गयी है जिंदगी की जो मुश्किल घड़ियां।।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
पूर्वार्थ
4486.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शीर्षक:"बहन मैं उसे
Harminder Kaur
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काबिल बने जो गाँव में
VINOD CHAUHAN
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
Ravi Prakash
..
*प्रणय*
गमों की चादर ओढ़ कर सो रहे थे तन्हां
Kumar lalit
राम भजन
आर.एस. 'प्रीतम'
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
गीत
Shiva Awasthi
"बगैर"
Dr. Kishan tandon kranti
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...