शायरी
धनवान तो जरूर बन जाना
पर हैवान न कभी बन जाना दोस्तों
यह फितूर पैसे का कुछ ऐसा ही है
अपनों में दरारे पैदा कर ही देता है !!
न ओठ ऊँगली किसी दूसरे की तरफ
तीन तेरी तरफ भी कुछ इशारा करती हैं
बना न किसी का तमाशा सरे राह बन्दे
कभी तेरी भी बारी जीवन में आ सकती है !!
अजीत तलवार