शायरी
मोहोब्बत निभानी हो तुम को मुझ से, तो शर्तो को छोड़ देना
मुझे आदत नहीं है, कि में शर्तो के साथ जीवन भर रहूँ
बस मन में विश्वास के धागे को मजबूत बना के रखना
तो देखना , हमारी तुम्हारी मिसाल, जमाना देगा सब को !!
कुछ चाहत तो नहीं रखता हूँ ममैं तुमसे
कि साथ निभा ही जाओगी जीवन भर
पर कसम खाई है , मैने तुम्हारे लिए
जीवन भर तुम्हारा साथ निभाने की !!
अजीत तलवार
मेरठ