Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2017 · 1 min read

शायरी

अच्छे वक्त की तलाश होती है सबको
बुरे के आने से घबरा जाते हैं सब
काश अगर सारा वक्त अच्छा ही होता
तो बुरे को कौन याद करता मेरे दोस्त !!

आपने फूलों से और मैंने काँटों से दोस्ती की है
दिल को समझाने के लिए इन से मोहोब्बत की है
नाजुक कलिओं को सब प्यार कर लेते हैं न
हम ने तो उन सब से ही बगावत जो की है !!

अजीत तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: शेर
314 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
Satish Srijan
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
कोई बात नहीं देर से आए,
कोई बात नहीं देर से आए,
Buddha Prakash
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
नहीं कोई लगना दिल मुहब्बत की पुजारिन से,
शायर देव मेहरानियां
प्रेम हैं अनन्त उनमें
प्रेम हैं अनन्त उनमें
The_dk_poetry
*दिल कहता है*
*दिल कहता है*
Kavita Chouhan
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
Sakshi Tripathi
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
कवि रमेशराज
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
■ ज्वलंत सवाल
■ ज्वलंत सवाल
*Author प्रणय प्रभात*
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
मूक संवेदना🙏
मूक संवेदना🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*मालिक अपना एक : पॉंच दोहे*
*मालिक अपना एक : पॉंच दोहे*
Ravi Prakash
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
अपना अंजाम फिर आप
अपना अंजाम फिर आप
Dr fauzia Naseem shad
दवा के ठाँव में
दवा के ठाँव में
Dr. Sunita Singh
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
चांदनी रात
चांदनी रात
Mahender Singh
जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता।
जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता।
Neelam Sharma
Loading...