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18 Feb 2017 · 1 min read

शायरी

तुम्हारी दूरिओं से शिकवा नहीं करता
करता हूँ उस दूरी से बस जो इतना दूर
तुम को किये हुए है, पास आने नहीं देती
और दूर हम को जाने ही नहीं देती !!

हकीकत तो यही है, कि इंसान लाचार है
किसी न किसी के प्यार में वो बीमार है
याद करता और खुद जख्म भरता है
शायद इसी का नाम दोस्त प्यार है !!

अजीत

Language: Hindi
Tag: शेर
672 Views
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