शायरी
दो घुंट जाम में वो नशा कहाँ
जो नशा तेरे प्यार में है
दो घुंट जाम में वो नशा कहाँ
जो नशा तेरे प्यार में है
शराब से तो लडखडाते है
मुझें तेरे ईश्क में संभल जाना है।
सोनु सुगंध
दो घुंट जाम में वो नशा कहाँ
जो नशा तेरे प्यार में है
दो घुंट जाम में वो नशा कहाँ
जो नशा तेरे प्यार में है
शराब से तो लडखडाते है
मुझें तेरे ईश्क में संभल जाना है।
सोनु सुगंध