— शायरी —
मैं पीता नहीं हूँ,
न ही पीनी है कभी,
पर तेरी आँखों ने जो पिलाई है,
वो कभी नहीं उतरेगी ,
बंधन ऐसा बाँध लिया तुझ से,
बिना पिए नशे में संग तेरे घुमाई है जिंदगी
दिल अगर चाहे तो कैसे रोक सकता हूँ,
यह वो इश्क है, जिस को रोक नहीं सकता हूँ,
प्यार की तो कोई सीमा होती नहीं है,
फिर उस सीमा को कहाँ रोक सकता हूँ..