शायरी
1.हमसे दूर जाने की सोच रहें हो,
जा कर तो देखो, खुद से ज्यादा नज़दीक पाओगी मुझे।
2. उम्र भर तक गोद में खिलाया उसने,
आज तेरे कहने पर कैसे छोड़ दू अपनी मां का हाथ मैं।
3. जब भी नींद मेरे आंखों की पंखुड़ियों को छू कर चली जाती है,
मैं मां का नाम लेता हूं वो दौड़ी वापिस चली आती है।
4.जाग रहा हूं आज कल देर रातों तक मैं,
क्यों की मेरे देखें हुए ख्वाब मुझे सोने की इजाज़त नहीं देते।
5. तक़दीर लिखने को खुद की कलम तराश कर,
खुदा के लिखे हुए से कब तक जी पाओगे ज़िंदगी।