शायरी
जो दुःख है उसे हराता रहता हूं,
की खुशियों को हर दम हंसाता रहता हूं,
ज़िंदगी एक पल की हो या एक उम्र की,
बस उसी ज़िंदगी के पलों को त्यौहार बनाता रहता हूं।
जो दुःख है उसे हराता रहता हूं,
की खुशियों को हर दम हंसाता रहता हूं,
ज़िंदगी एक पल की हो या एक उम्र की,
बस उसी ज़िंदगी के पलों को त्यौहार बनाता रहता हूं।