शायरी
समंदर की गहराई से मोती धुंड लाओ,
सायारो के शेर की गहराई धुंड लाओ,
और
क्या कहते रहते तुम मेरे बारे में आक्सर,
जाओ बाज़ार वहां से पहले तुम अपना किरदार धुंड लाओ।
समंदर की गहराई से मोती धुंड लाओ,
सायारो के शेर की गहराई धुंड लाओ,
और
क्या कहते रहते तुम मेरे बारे में आक्सर,
जाओ बाज़ार वहां से पहले तुम अपना किरदार धुंड लाओ।