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14 Apr 2017 · 1 min read

शायराना

शहरे मौसम बड़ा आशिकाना हुआ
दिल मेरा कुछ पागल दीवाना हुआ

घर से बाहर पाँव तो निकालें ज़रा
तुमको देखे हमें अब ज़माना हुआ

चन्द लम्हे गुज़ार देख तो लीजिये
दिल मेरा भी तेरा आशियाना हुआ

बे-हिचक बाहों में मेरी चले आइये
प्यार का दिन मेरा शादिमाना हुआ

जब हुस्न-इश्क नहीं तिजारत कोई
दिलसे दिल का रिश्ता सुहाना हुआ

आपसी गज़ल को पढ़ा जो ‘मिलन’
दिल मेरा तब बहुत शायराना हुआ !!

मिलन “मोनी” १२/4/२०१७

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