शायराना
शहरे मौसम बड़ा आशिकाना हुआ
दिल मेरा कुछ पागल दीवाना हुआ
घर से बाहर पाँव तो निकालें ज़रा
तुमको देखे हमें अब ज़माना हुआ
चन्द लम्हे गुज़ार देख तो लीजिये
दिल मेरा भी तेरा आशियाना हुआ
बे-हिचक बाहों में मेरी चले आइये
प्यार का दिन मेरा शादिमाना हुआ
जब हुस्न-इश्क नहीं तिजारत कोई
दिलसे दिल का रिश्ता सुहाना हुआ
आपसी गज़ल को पढ़ा जो ‘मिलन’
दिल मेरा तब बहुत शायराना हुआ !!
मिलन “मोनी” १२/4/२०१७