Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

– शायद ऐसा ही होता –

– शायद ऐसा ही होता –
में जिसको दिल से चाहता ,
वो भी मुझे दिल से ही चाहता,
में जिसके लिए अपने आपको समर्पण कर दू,
काश वो भी मुझे अपने आपको समर्पण कर पाता,
जिसको पाने के लिए में पल – पल तरसता रहा,
शायद वो भी मुझे पाने का अपने मन में ख्याल लाता,
एक जिंदगी काटी मेने जिनकी ख्वाईशो और खुशियों के लिए,
शायद वो भी मेरे लिए कुछ क्षण काट पाता,
गहलोत जिसे तू दिल से है अपना है मानता,
शायद भरत वो भी तुझे दिल से अपना मानता,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
हनुमान जी के गदा
हनुमान जी के गदा
Santosh kumar Miri
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
Ravikesh Jha
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
साधिये
साधिये
Dr.Pratibha Prakash
प्रकृति से हमें जो भी मिला है हमनें पूजा है
प्रकृति से हमें जो भी मिला है हमनें पूजा है
Sonam Puneet Dubey
शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
*धोखा नहीं दिया है (गीत)*
Ravi Prakash
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
ग़ज़ल __न दिल को राहत मिली कहीं से ,हुई निराशा भी खूब यारों,
Neelofar Khan
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
सुनती हूँ
सुनती हूँ
Shweta Soni
बन्ना तैं झूलण द्यो झूला, मनैं सावण मं
बन्ना तैं झूलण द्यो झूला, मनैं सावण मं
gurudeenverma198
सकारात्मकता
सकारात्मकता
Sangeeta Beniwal
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
पूर्वार्थ
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
इश्क़ एक दरिया है डूबने से डर नहीं लगता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
षड्यंत्रों वाली मंशा पर वार हुआ है पहली बार।
*प्रणय*
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2887.*पूर्णिका*
2887.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ओलम्पिक खेल का उद्देश्य
ओलम्पिक खेल का उद्देश्य
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
" असर "
Dr. Kishan tandon kranti
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
Loading...