*** शायद इंसानियत कहीं खो गयी है **
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बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है
प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है
आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपना
शायद इंसानियत फिर से कहीं सो गयी है ।।
?मधुप बैरागी
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बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है
प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है
आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपना
शायद इंसानियत फिर से कहीं सो गयी है ।।
?मधुप बैरागी