शायद अगले मोड़ पर,खुशियाँ होंगी पेश
शायद अगले मोड़ पर ,होंगी खुशियाँ पेश ।
इसी आस में आज तक, चलता रहा रमेश।।
प्रतिपल इसी यकीन पर,करता रहा विचार !
आएँगे दहलीज पर, ….वह मेरी इक बार ।।
करें उसी से मित्रता, .रखें उसी की चाह ।
करता हो जो आपकी,जीवन में परवाह ।।
रमेश शर्मा.