Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2023 · 1 min read

शाम

शाम सवेरे हम सभी अपने हैं।
जिंदगी में सच तो अकेले हैं।

शाम ही तो हमारी रचना है।
शब्दों में व्यक्त हम करते हैं।

शाम ही तो रंगमंच के साथ हैं।
सच तो बस यही जीवन हैं।

चाहत और मोहब्बत भी शाम है
दिल धड़कन और हकीकत है।

बस शाम सवेरे ही हम तुम हैं।
आज आधुनिक समय के रंग हैं।

शाम ही तो हम सभी का नाम है।
हम सभी के अपने अपने स्वार्थ है।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
अरे ! मुझसे मत पूछ
अरे ! मुझसे मत पूछ
VINOD CHAUHAN
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
अक्सर यूं कहते हैं लोग
अक्सर यूं कहते हैं लोग
Harminder Kaur
योग ही स्वस्थ जीवन का योग है
योग ही स्वस्थ जीवन का योग है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मधुमास में बृंदावन
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
3376⚘ *पूर्णिका* ⚘
3376⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
Sunil Maheshwari
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपने-अपने दम्भ की,
अपने-अपने दम्भ की,
sushil sarna
छप्पय छंद विधान सउदाहरण
छप्पय छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
" निकम्मे "
Dr. Kishan tandon kranti
🙅आप का हक़🙅
🙅आप का हक़🙅
*प्रणय*
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
Sonam Puneet Dubey
****स्वप्न सुनहरे****
****स्वप्न सुनहरे****
Kavita Chouhan
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
"सुविधाओं के अभाव में रह जाते हैं ll
पूर्वार्थ
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
प्यार कर हर इन्सां से
प्यार कर हर इन्सां से
Pushpa Tiwari
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
मेरे टूटे हुए ख़्वाब आकर मुझसे सवाल करने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
*राममय हुई रामपुर रजा लाइब्रेरी*
*राममय हुई रामपुर रजा लाइब्रेरी*
Ravi Prakash
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...