शाम हर गुजर जाती है
शाम हर गुजर जाती है तुझे सुलाने में
रोज देर हो जाती है तुझे उठाने में
प्यार अब तलक कितना आपने किया मुझको
पर बहुत समय बीता आपको जताने में
प्रेम जो किया तुमने आज बस हमें इतना
वक्त भी लगाया है तब साथ निभाने में
बाहु का सहारा हमको मिला तभी तेरा
जब सफल हुए अपना फिर तुझे बनाने में
दूर जब चले जाओगे नहीं भुलोगे तब
उम्र एक बीतेगी आपको भुलाने में
गीत एक मैंने तेरे लिए रचा था जब
तब समय अधिक हमको भी लगा सुनाने में