Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2024 · 1 min read

*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*

शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)
_________________________
शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम
कितनी बनीं मिठाइयॉं, क्या-क्या उनके नाम
क्या-क्या उनके नाम, भोज में रुचि दिखलाते
डोसा टिकिया दाल, मुरादाबादी खाते
कहते रवि कविराय, प्रथा अब सीधी-सादी
समझ रही है भीड़, लिफाफा भोजन शादी

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
चाँद...
चाँद...
ओंकार मिश्र
*ज़िंदगी का सफर*
*ज़िंदगी का सफर*
sudhir kumar
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
मुझे वास्तविकता का ज्ञान नही
Keshav kishor Kumar
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
*बिना तुम्हारे घर के भीतर, अब केवल सन्नाटा है ((गीत)*
*बिना तुम्हारे घर के भीतर, अब केवल सन्नाटा है ((गीत)*
Ravi Prakash
"रस्सी"
Dr. Kishan tandon kranti
कसौटी जिंदगी की
कसौटी जिंदगी की
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
शीर्षक - घुटन
शीर्षक - घुटन
Neeraj Agarwal
आज कल !!
आज कल !!
Niharika Verma
धोखा देकर बेवफ़ा,
धोखा देकर बेवफ़ा,
sushil sarna
जिंदगी में आप जो शौक पालते है उसी प्रतिभा से आप जीवन में इतन
जिंदगी में आप जो शौक पालते है उसी प्रतिभा से आप जीवन में इतन
Rj Anand Prajapati
सच का सिपाही
सच का सिपाही
Sanjay ' शून्य'
"शरीर सुंदर हो या ना हो पर
Ranjeet kumar patre
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
एक पुष्प
एक पुष्प
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
गंणतंत्रदिवस
गंणतंत्रदिवस
Bodhisatva kastooriya
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
अपनी पहचान का मकसद
अपनी पहचान का मकसद
Shweta Soni
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
यूं नए रिश्तें भी बुरी तरह बोझ बन जाते हैं,
यूं नए रिश्तें भी बुरी तरह बोझ बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं...?
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं...?
पूर्वार्थ
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
●●●●●●●●◆◆◆◆◆◆●
●●●●●●●●◆◆◆◆◆◆●
*प्रणय*
Loading...