शादी (कुंडलिया)
शादी (कुंडलिया)
शादी जीवन की कहो ,मधुर सरस सौगात
जिनकी शादी हो गई , खुशनसीब दिन-रात
खुशनसीब दिन-रात,जिन्हें पत्नी प्रिय मिलती
मनपसंद पतिदेव , जिंदगी पाकर खिलती
कहते रवि कविराय , लड़े तो है बर्बादी
बन जाते यदि मित्र , स्वर्ग कहलाती शादी
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर ( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451