शादी की सालगिरह
मेरी मोहब्बत ,
मेरी गुस्ताखियों से ज्यादा होगी,
अगर तुम चेहरे की जगह
दिल पढ़ना जानती हो ।।
मेरी ख़ामोशी ,
भी तुमसे बोलती है
अगर तुम शब्दो से ज्यादा
धड़कनों को सुनना जानती हो ।।
मैं दूर हूँ
नहीं नजरों से ज्यादा
अगर तुम परछाइयों से ज्यादा
मुझे महसूस करना जानती हो ।।
तश्वीर मेरी,
इत्तफाक है समय का
अगर तुम बंद आँखों से
मुझे देखना जानती हो ।।
हमारा साथ,
स्वक्षन्द है वक्त के फलसफे से
अगर तुम मेरी रूह में
अपनी रूह को समाना जानती हो ।।
है आरजू मेरी,
तुम रहो खुश हमेशा
अगर तुम हमारी खुशी में
अपनी खुशी ढूंढना जानती हो ।।
अपना मिलन,
होता रहेगा हरएक जनम में
अगर तुम मेरा साथ
हरएक जनम में चाहती हो ।।