*शाकाहार (6 दोहे)*
शाकाहार (6 दोहे)
———————————————–
(1)
भोजन ऐसा लीजिए ,जिसमें शक्ति अपार
गेहूँ की रोटी दही , आलू दाल अचार
(2)
थोड़ा भोजन ठीक है ,ज्यादा विष की खान
भूखे रहकर भी नहीं ,मिलते हैं भगवान
(3)
बकरा मुर्गा चख रहे ,केवल जिह्वा – स्वाद
इनमें भी आत्मा निहित ,कर लो थोड़ा याद
(4)
तन की निर्मलता बढ़े ,मन की शांति अपार
भोजन जिससे यह मिले , केवल शाकाहार
(5)
दूध दही देती हमें ,करिए गौ को प्यार
उनको आदर दीजिए ,नमस्कार सौ बार
(6)
क्या देवी क्या देवता , क्या प्रभु हेतु प्रसाद
भरने पेट किया गया ,पशु-वध केवल स्वाद
————————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451