शाकाहार अपनाओ
आदमी ने खत्म की आदमियत
बुरे कर्मों की पड़ गई आदत
खाने लगा न जाने क्या क्या
कुछ पका कर कुछ ज़िंदा
आज हड़कम्प मचा दुनिया में
पर उत्सव का माहौल है जंगल में
खुश है पशु पक्षी जलजीव सारे
ये आदमी ही तो थे इनके हत्यारे
माना कोई इनकी अदालत नहीं थी
रोकने की किसी में भी हिम्मत नहीं थी
पर जब जुल्मों की अति हो गई
इंसानियत सारी राक्षसी हो गई
उन जानवरों ने आयोजित एक सभा की
आदमी को मौत से भी बदतर सजा दी
छोड़ दिया इनके खून में एक परजीवी
जिससे फैलती थी छूत की बीमारी
आज आदमी पर उसी डर के साये हैं
जिसमे सब जानवर आज तक जीते आये हैं
लाओ मानव अब सुधार आचार विचार में
कुछ नहीं रखा इस अमानुष आहार में
इन जानवरों को जीने दो इन्हें मत खाओ
शाकाहार अपनाओ शाकाहार अपनाओ
27-03 2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद