Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2022 · 1 min read

शांति पाठ(मुक्तक)

वेद में उल्लिखित प्रसिद्ध “शांति पाठ” का हिंदी पद्यानुवाद :-
*********************************
शांति हो पृथ्वी गगन में और जल में स्वर्ग में
शांति हो सारी वनस्पति और औषधि वर्ग में
शांति हो संसार में , सब देव में , हो ब्रह्म में
शांति का अनुभव करें हम तुष्ट हों अपवर्ग में
########################
अनुवादक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)

Language: Hindi
206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
3982.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" मौत की राह "
Dr. Kishan tandon kranti
बीजः एक असीम संभावना...
बीजः एक असीम संभावना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
*झूठा  बिकता यूँ अख़बार है*
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वासियत जली थी
वासियत जली थी
भरत कुमार सोलंकी
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
★दाने बाली में ★
★दाने बाली में ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*एकता (बाल कविता)*
*एकता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
*परिस्थिति*
*परिस्थिति*
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बहुत छुपाया हो गई,
बहुत छुपाया हो गई,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान,
Ajit Kumar "Karn"
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
Shashi kala vyas
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
Ravi Betulwala
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
Loading...